अयोध्या, 18 अगस्त 2024 – अयोध्या में हाल ही में 3600 लाइटों के गायब होने का मामला सामने आया, जिसने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया। इस मुद्दे ने राजनीतिक गलियारों में भी खूब हलचल मचाई। राम नगरी में लाइटों के इस रहस्यमय तरीके से गायब होने पर सवाल उठने लगे, जिसके बाद जिला प्रशासन ने जांच शुरू की। अब जो सच सामने आया है, वह किसी को भी हैरान कर सकता है।
घटना का विवरण
रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद, अयोध्या को पूरी तरह से रोशन करने के लिए कई योजनाएँ बनाई गई थीं। करोड़ों रुपए के टेंडर पास किए गए थे और बल्ब और लाइटें लगाने का काम ठेकेदारों को सौंपा गया था। भक्तों को लगा कि त्रेता युग का फिर से आगमन हो गया है, लेकिन कलयुग की सच्चाई अयोध्या में भी देखने को मिली।
हाल ही में भक्ति पथ और राम पथ पर लगाई गई लाइटों के कथित चोरी होने का मामला सामने आया। ठेकेदार ने लाइटों के गायब होने की एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि अयोध्या की सड़कों से 3800 बैंबू लाइट्स और 36 गोबो प्रोजेक्टर लाइट्स गायब हो गई हैं। ठेकेदार का कहना था कि मई महीने तक लाइटें लगी हुई थीं, लेकिन अगस्त में यह लाइटें गायब हो गईं।
जांच के बाद खुलासा
जांच के बाद, इस मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार, भक्ति पथ और राम पथ पर लाइटें लगाई ही नहीं गई थीं। दावा किया जा रहा है कि ठेकेदारों ने लाइटें लगाने का काम पूरा नहीं किया था, लेकिन पेमेंट पूरी 6400 लाइट्स का लिया गया। लगभग 3800 बैंबू लाइट्स और 36 गोबो प्रोजेक्टर लाइट्स, जिनकी कीमत लाखों रुपए बताई जा रही है, कभी लगाई ही नहीं गई थीं।
एफआईआर का सच
ठेकेदारों ने खुद अपनी कंपनी की ओर से चोरी की एफआईआर दर्ज करवाई, जिसमें उन्होंने दावा किया कि अयोध्या की सड़कों से लाइटें चोरी हो गईं। लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है कि अयोध्या में हुए कामकाज का ऑडिट होने वाला था, और पकड़े जाने के डर से ठेकेदार ने यह चोरी का केस दर्ज करवाया।
निष्कर्ष
इस मामले ने यह साफ कर दिया है कि राम की नगरी में, जहां 500 वर्षों के इंतजार के बाद भव्य मंदिर का निर्माण हुआ, वहां भी कलयुग का प्रभाव देखा जा सकता है। जहां एक ओर भक्तों की आस्था से रामलला के घर में रोज़ दीपावली मनाई जा रही थी, वहीं दूसरी ओर ठेकेदारों ने अपने लाभ के लिए राम भक्तों को अंधेरे में रखने की कोशिश की। अयोध्या की यह घटना उन सभी के लिए एक चेतावनी है जो भक्ति और विश्वास की आड़ में गलत कार्यों को अंजाम देते हैं।