नई दिल्ली, 17 फरवरी 2025: सोमवार सुबह 5:36 बजे दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई, और इसका केंद्र दिल्ली के धौला कुआं के पास झील पार्क के नजदीक, जमीन से 5 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था।
झटकों से मची अफरा-तफरी
भूकंप के झटके इतने तेज थे कि दिल्ली-एनसीआर में इमारतें हिलने लगीं। लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए। घरों में रखा सामान हिलने लगा और पेड़ों पर बैठे पक्षी इधर-उधर उड़ने लगे। इसका प्रभाव दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव और फरीदाबाद तक महसूस किया गया।
उत्तर भारत में भूकंप का असर
दिल्ली के अलावा, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, सहारनपुर, अलवर, मथुरा और आगरा जैसे शहरों में भी झटके महसूस किए गए। हरियाणा के कुरुक्षेत्र, हिसार और कैथल तक इसका असर देखा गया। हालांकि, अब तक किसी बड़े नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
गाजियाबाद के एक निवासी ने कहा, “भूकंप के झटके बहुत तेज थे। पूरी इमारत हिल रही थी। मैंने पहले कभी ऐसा अनुभव नहीं किया।” रेलवे स्टेशन पर मौजूद एक विक्रेता ने बताया, “यह भूकंप बहुत तेज था। ग्राहक डर के मारे चिल्लाने लगे थे। ऐसा लग रहा था जैसे जमीन के नीचे ट्रेन चल रही हो।”
दिल्ली पुलिस ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
दिल्ली पुलिस ने भूकंप के तुरंत बाद इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर 112 जारी किया। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, “उम्मीद है आप सभी लोग सुरक्षित होंगे। किसी भी आपातकालीन सहायता के लिए 112 डायल करें।”
अरविंद केजरीवाल और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर लिखा, “मैं सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं।” आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने भी कहा, “दिल्ली में जोरदार भूकंप आया। भगवान से प्रार्थना करती हूं कि सब सुरक्षित हों।”
क्या कहता है राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र?
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र 28.59° उत्तरी अक्षांश और 77.16° पूर्वी देशांतर पर स्थित था। गहराई कम होने और केंद्र दिल्ली में होने के कारण इसका प्रभाव एनसीआर में अधिक महसूस किया गया।
आगे क्या करें?
विशेषज्ञों का कहना है कि मध्यम तीव्रता के भूकंपों से सतर्क रहना चाहिए। भूकंप के समय इमारत से बाहर खुली जगह पर जाना सबसे सुरक्षित रहता है। किसी भी आपातकालीन स्थिति में स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।
निष्कर्ष
इस भूकंप ने एक बार फिर यह याद दिला दिया है कि उत्तर भारत एक संवेदनशील भूकंप क्षेत्र है। ऐसे में सरकार और नागरिकों को आपदा प्रबंधन की तैयारी में सजग रहना चाहिए।
