हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में यह साफ़-साफ़ दिखाया गया है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रशासन की कोई उपस्थिति नहीं थी। वीडियो के अनुसार, यहाँ किसी भी प्रकार की भगदड़ की स्थिति नहीं थी, बल्कि सिर्फ भारी भीड़ थी जिसके कारण चार महिलाओं को बेहोश होना पड़ा।
वीडियो में दिखी प्रशासन की कमी
वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि रेलवे स्टेशन पर प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति नहीं थी। अधिकारियों द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं करते हुए दिखाया गया है। इस संदर्भ में सरकारी सूत्रों ने यह दावा किया है कि घटना को लेकर अफवाहों को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है।
भारी भीड़ बनाम भगदड़
घटना का वर्णन करने वाले एक देखने वाले ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर हुई भीड़ को लेकर किसी भी तरह की भगदड़ नहीं मची, बल्कि यह एक सामान्य भीड़ थी। हालांकि, इतनी भीड़ में कुछ महिलाओं के बेहोश हो जाने की सूचना मिलने से स्थिति गंभीर हो गई। सरकार के हवाले से जारी बयान में इस बात पर जोर दिया गया है कि यह मामला किसी प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम नहीं है, बल्कि भारी भीड़ के कारण अस्थायी बेहोशी की घटना है।
सरकारी बयान और सार्वजनिक प्रतिक्रिया
सरकारी मीडिया द्वारा इस घटना के संबंध में जारी बयान में कहा गया है कि प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए समय रहते कदम उठाए हैं। साथ ही, यह दावा किया जा रहा है कि रेलवे स्टेशन पर किसी प्रकार की भगदड़ नहीं हुई थी, बल्कि केवल भीड़ की अधिकता के कारण कुछ यात्रियों की हालत बिगड़ गई। इस बयान का उद्देश्य अफवाहों और अतिशयोक्ति से बचते हुए वास्तविकता को सामने लाना है।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई इस घटना में, जहां वीडियो ने प्रशासन की अनुपस्थिति और भारी भीड़ को उजागर किया है, सरकार का कहना है कि यह स्थिति किसी भगदड़ का नतीजा नहीं बल्कि भीड़ प्रबंधन की चुनौतियों का परिणाम है। चार महिलाओं का बेहोश हो जाना इस बात का संकेत है कि भीड़ के प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता है, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
इस प्रकार, सरकारी सूत्रों के हवाले से यह दावा किया जा रहा है कि घटना को लेकर अफवाहों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए, और असल में स्थिति सिर्फ भीड़ की अधिकता की ही थी।
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