5 अगस्त से भारत में मौजूद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक ऐसा दांव खेला है, जिसने बांग्लादेश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी हड़कंप मचा दिया है। बांग्लादेश में हालात अचानक बदल गए हैं—सड़कों पर लोग आक्रोशित होकर विरोध-प्रदर्शन करने निकल आए हैं। सबकुछ तब शुरू हुआ जब बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन ने एक बड़ा खुलासा किया: उनके पास शेख हसीना का कोई इस्तीफा नहीं है।
क्या शेख हसीना ने दिया था इस्तीफा?
राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन ने साफ तौर पर कहा कि उन्होंने बस सुना था कि शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन उनके पास इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है। बांग्लादेश के संविधान के अनुसार, अगर प्रधानमंत्री इस्तीफा देता है, तो इसे राष्ट्रपति के पास प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है। शेख हसीना ने ऐसा कुछ भी नहीं किया, जिससे ये स्पष्ट होता है कि वो अब भी प्रधानमंत्री पद पर कायम हैं।
ढाका की सड़कों पर बवाल
इस खुलासे के बाद ढाका की सड़कों पर हालात बिगड़ गए हैं। हजारों लोग राष्ट्रपति भवन के बाहर इकट्ठा होकर नारेबाजी कर रहे हैं, अपने ही राष्ट्रपति पर आरोप लगाते हुए कह रहे हैं कि उन्होंने जनता के साथ धोखा किया है। कई लोग शेख हसीना का इस्तीफा ढूंढने में सरकारी दफ्तरों तक पहुंच गए हैं, लेकिन उनके हाथ खाली हैं।
अमेरिका पर सीधे आरोप
राष्ट्रपति के इस बयान ने बांग्लादेश के लोकतंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अमेरिका के हस्तक्षेप के आरोप भी अब जोर पकड़ने लगे हैं, क्योंकि अमेरिका ने बगैर किसी संवैधानिक प्रक्रिया के मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अस्थायी सत्ता सौंपने का दावा किया था। अमेरिका जो खुद को लोकतंत्र का संरक्षक मानता है, अब बांग्लादेश के लोकतंत्र पर काबिज होता दिख रहा है।
सेना में भी बवाल
सूत्रों के मुताबिक, मोहम्मद यूनुस इस खुलासे से भड़क गए हैं और सेना के 64 वरिष्ठ अधिकारियों को हटाने की योजना बना रहे हैं, जिसमें सेना प्रमुख वकर उज जमान का नाम भी शामिल है। वकर उज जमान वही हैं जिन्होंने पहले ही दावा किया था कि शेख हसीना का तख्तापलट हो चुका है।
भारत में बैठी हसीना का रहस्यमयी मुस्कान
शेख हसीना, जो इस वक्त भारत में हैं, अब इस पूरे घटनाक्रम पर चुपचाप मुस्कुरा रही होंगी। उनके इस ‘राजनीतिक टाइम बम’ ने बांग्लादेश की राजनीति को झकझोर कर रख दिया है और पूरी दुनिया अब यह देख रही है कि यह सियासी खेल आखिर कहां जाकर खत्म होगा।
(हरवकट न्यूज़)