Harvkat News | जम्मू-पुंछ/लाहौर
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले से एक बेहद दुखद और बड़ी खबर सामने आई है। सीमा पार से पाकिस्तान की ओर से की गई बेतहाशा गोलीबारी और गोलाबारी में 15 नागरिकों की जान चली गई, जिनमें 5 सिख समुदाय से थे और बाकी स्थानीय मुस्लिम नागरिक थे। इस हमले में एक पूर्व सैनिक अमरजीत सिंह भी शहीद हो गए, जिनके चाचा ने बताया कि उन्हें सीने में गोली लगी।
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा को भी पहुंचा नुकसान
फायरिंग का सबसे बड़ा असर रिहायशी इलाकों और धार्मिक स्थलों पर पड़ा है। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा साहिब की इमारत को भारी नुकसान पहुंचा है। गुरुद्वारे का एक दरवाजा टूट गया और कई खिड़कियों के शीशे चकनाचूर हो गए। स्थानीय निवासी पूरी रात जागते रहे और सुबह करीब पौने पाँच बजे एक बड़ा धमाका हुआ, जिसमें कई घर क्षतिग्रस्त हो गए और एक युवक को फेफड़ों में स्प्लिंटर लग गया।
स्थानीय लोगों का आक्रोश
स्थानीय नागरिकों ने पाकिस्तान की इस बर्बर हरकत की निंदा करते हुए कहा कि सीमावर्ती इलाकों की स्लम बस्तियों और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाना एक कायराना हरकत है। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि पाकिस्तान को इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाए।
पाकिस्तान के लाहौर में तीन जोरदार धमाके, नौसेना परिसर भी निशाने पर
इस बीच पाकिस्तान के लाहौर शहर में भी तीन जबरदस्त धमाके हुए हैं, जिनसे पूरा शहर दहल उठा। इन धमाकों की आवाजें कई किलोमीटर दूर तक सुनी गईं। स्थानीय लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए। ये हमले पाकिस्तान नौसेना परिसर के पास हुए, जो लाहौर के पुराने एयरपोर्ट के नजदीक स्थित है। पाकिस्तान प्रशासन के अनुसार, यह हमला ड्रोन के माध्यम से किया गया।
तीन एयरपोर्ट बंद
सुरक्षा के मद्देनज़र लाहौर सहित तीन एयरपोर्ट्स को एहतियातन बंद कर दिया गया है। पूरे शहर में हाई अलर्ट है और आतंकी ठिकानों को लेकर सघन जांच की जा रही है।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद बढ़ा तनाव, राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में अलर्ट
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद से सीमा पार तनाव बढ़ गया है। इसकी प्रतिक्रिया में राजस्थान के सीमावर्ती जिलों – जैसलमेर, श्रीगंगानगर, बाड़मेर, बीकानेर और जोधपुर – में सभी स्कूलों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।
स्कूल बंद, मगर शिक्षक मौजूद
हालांकि परीक्षाओं के मूल्यांकन कार्य के चलते स्कूल स्टाफ और शिक्षक स्कूलों में आ रहे हैं, लेकिन विद्यार्थियों की छुट्टियाँ घोषित कर दी गई हैं। श्रीगंगानगर जिले में आंगनबाड़ी केंद्र और मदरसों को भी बंद कर दिया गया है। जिला प्रशासन द्वारा मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास भी करवाए गए हैं, ताकि स्थानीय लोग किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहें।
जनता का समर्थन और सेना की तत्परता
सीमा पर तनाव के बावजूद सीमावर्ती जिलों के लोग पूरी तरह से भारतीय सेना के साथ खड़े हैं। जैसलमेर में आम नागरिकों ने भी ब्लैकआउट और मॉक ड्रिल में पूरा सहयोग दिया। लोगों का कहना है कि आतंकियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देना जरूरी है।
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