उन्नाव – जिले की जेल में बंद हजारों महिला-पुरुष बंदियों ने हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ से लाए गए पवित्र जल से स्नान किया। यह आयोजन जेल अधीक्षक के विशेष प्रयास से संभव हो पाया, जिसने बंदियों के मनोबल और धार्मिक आस्था को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया।
आयोजन की पृष्ठभूमि
प्रयागराज महाकुंभ, जो कि हिंदू धर्म में अत्यंत महत्व रखता है, के पवित्र जल का महत्व सदियों से बना हुआ है। इस अवसर पर जेल प्रबंधन ने भी बंदियों के मनोबल को ऊँचा उठाने और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव की आशा जगाने के लिए यह अनूठा आयोजन किया। जेल अधीक्षक ने बताया कि बंदियों को इस पावन जल से स्नान कराना एक प्रतीकात्मक कदम है, जिससे उन्हें आंतरिक शांति, सुधार और नैतिक पुनर्निर्माण की प्रेरणा मिलेगी।
जेल अधीक्षक का योगदान
जेल अधीक्षक ने स्वयं इस आयोजन की योजना बनाई और इसे कार्यान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका मानना था कि बंदियों को धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करने से उनकी मानसिक स्थिति में सुधार आएगा। उन्होंने बताया कि “बंदियों को एक सकारात्मक वातावरण देने के लिए हमें भी पारंपरिक मूल्यों और आध्यात्मिकता की ओर ध्यान देना होगा”। इस प्रयास से बंदियों के बीच उत्साह और आत्मविश्वास की नई लहर देखी गई।
बंदियों की प्रतिक्रिया
स्नान समारोह में शामिल बंदियों ने अपने अनुभव को एक नई आशा और आत्मसंतोष का स्रोत बताया। कई बंदियों ने कहा कि पवित्र जल से स्नान करने से उनके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है और वे अपनी जिंदगी में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठा रहे हैं। इस प्रकार का आयोजन बंदियों के सामाजिक पुनर्वास की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
समापन
उन्नाव जिला जेल में यह पहल न केवल बंदियों के धार्मिक अधिकारों का सम्मान करती है, बल्कि यह समाज में सुधार और पुनर्वास के प्रति सकारात्मक सोच को भी बढ़ावा देती है। जेल प्रबंधन का यह कदम अन्य जेलों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है, जिससे बंदियों का मनोबल ऊँचा उठाने और उन्हें समाज में पुनर्वास के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी।
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यह आयोजन दर्शाता है कि कैसे पारंपरिक और आध्यात्मिक तत्वों को आधुनिक सुधारात्मक प्रयासों के साथ जोड़ा जा सकता है, जिससे बंदियों के जीवन में नयी ऊर्जा और सकारात्मक बदलाव का संचार हो सके।
Badhiya