एयर इंडिया हादसा: टेकऑफ़ के तुरंत बाद कॉकपिट में क्या हुई थी बातचीत? शुरुआती जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
12 जून 2025 को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही सेकेंड बाद क्रैश हुए एयर इंडिया विमान की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। इस भयावह हादसे में 260 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई थी। अब, विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
हादसे से ठीक पहले क्या हुआ था?
एयर इंडिया की यह फ्लाइट AI171, अहमदाबाद से ब्रिटेन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई थी। उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और अहमदाबाद के मेडिकल कॉलेज परिसर में बने हॉस्टल पर जा गिरा। इस हादसे में कई डॉक्टर, मेडिकल छात्र और स्टाफ सदस्य मारे गए।
विमान में कौन-कौन सवार था?
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विमान में कुल 242 यात्री सवार थे
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10 केबिन क्रू सदस्य
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और दो पायलट:
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कैप्टन सुमित सभरवाल (मुख्य पायलट)
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क्लाइव कुंदर (फर्स्ट ऑफिसर)
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कॉकपिट की बातचीत: “तुमने कटऑफ़ क्यों किया?”
भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि टेकऑफ़ के कुछ ही सेकंड बाद दोनों इंजन बंद हो गए थे।
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग के अनुसार, एक पायलट ने हैरानी से पूछा:
“तुमने कटऑफ़ क्यों किया?”
दूसरे पायलट का जवाब था:
“मैंने ऐसा नहीं किया!”
हालांकि रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इनमें से कौन-सी आवाज़ किस पायलट की थी।
इसके कुछ ही पलों बाद, एक पायलट ने “Mayday, Mayday, Mayday” कॉल दी, जिसका कोई जवाब एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से नहीं मिला। विमान बहुत तेजी से नीचे आया और हॉस्टल की इमारत पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
दोनों इंजन कैसे बंद हुए?
रिपोर्ट के अनुसार:
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टेकऑफ़ के समय विमान की रफ्तार 180 नॉट्स तक पहुंची
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उसी समय इंजन 1 और इंजन 2 के फ्यूल कटऑफ़ स्विच, एक-एक सेकंड के अंतर से “Run” से “Cutoff” स्थिति में चले गए
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यानी दोनों इंजन में ईंधन की सप्लाई अचानक बंद हो गई, जिससे विमान हवा में ही बंद हो गया
ऐसा सामान्य रूप से क्यों नहीं होता?
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ये स्विच आमतौर पर सुरक्षा कवच (safety guard) के भीतर होते हैं
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इन्हें चालू करने के लिए जानबूझकर और ज़बरदस्त फिजिकल एक्शन लेना पड़ता है
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यह प्रक्रिया आमतौर पर तभी होती है, जब इंजन में आग लगने या बड़े खतरे की स्थिति हो
इंजीनियरिंग रिपोर्ट क्या कहती है?
बीबीसी के अनुसार, विशेषज्ञों का मानना है कि:
“यह सामान्य मानवीय ग़लती नहीं लगती। अगर तकनीकी ख़राबी थी, तो दोनों इंजन एक साथ कैसे बंद हुए?”
2018 में अमेरिका की फेडरल एविएशन अथॉरिटी (FAA) ने ऐसी संभावित तकनीकी समस्या को लेकर चेतावनी दी थी, लेकिन एयर इंडिया ने इससे जुड़ी जांच नहीं करवाई।
क्या यह मानवीय गलती थी?
फिलहाल इस सवाल का जवाब नहीं है। लेकिन तीन प्रमुख बिंदु जांच में उभरे हैं:
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दोनों इंजन अचानक बंद होना — बिना चेतावनी के
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दोनों फ्यूल कटऑफ़ स्विच का एक साथ मूव होना
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पायलट का आपसी संवाद, जिसमें दोनों इंकार करते हैं कि उन्होंने स्विच बंद किया
एटीसी से कोई जवाब क्यों नहीं मिला?
हालांकि ‘मेडे’ कॉल भेजा गया था, लेकिन जवाब नहीं मिला। हो सकता है कि विमान की ऊंचाई कम होने की वजह से रेडियो सिग्नल ठीक से न पहुंचा हो, या फिर समय ही न मिला हो।
हादसे के शिकार कौन लोग थे?
हादसे में जान गंवाने वालों में कई रेज़िडेंट डॉक्टर्स, पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स और अन्य मेडिकल स्टाफ शामिल थे।
अतुल्यम 1, 2, 3, और 4 हॉस्टल, जहां छात्र रहते थे, पूरी तरह तबाह हो गए।
हादसे के वक़्त छात्र लंच के लिए मेस में एकत्र थे।
सिर्फ एक व्यक्ति बचा
इस हादसे में केवल एक व्यक्ति, विश्वास कुमार रमेश, जो कि ब्रिटिश नागरिक हैं, विमान के ढांचे में बने खुले हिस्से से निकलकर बच पाए।
एयर इंडिया का बयान
एयर इंडिया ने कहा:
“हम हादसे में प्रभावित परिवारों के साथ खड़े हैं। हम पूरी जांच में एएआईबी और अन्य एजेंसियों का सहयोग कर रहे हैं।”
एयरलाइन ने किसी विशेष तकनीकी पहलू पर कोई टिप्पणी नहीं की, और कहा कि पूरी जानकारी जांच पूरी होने के बाद दी जा सकेगी।
जांच अभी जारी है
यह हादसा अभी भी कई अनसुलझे सवाल छोड़ गया है:
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क्या यह टेक्निकल फेल्योर था?
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या कोई मानवीय त्रुटि?
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क्या किसी सिस्टम ने खुद फ्यूल कटऑफ़ किया?
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दोनों पायलटों में भ्रम क्यों था?
जब तक AAIB और अन्य एजेंसियों की विस्तृत जांच पूरी नहीं होती, इन सवालों के स्पष्ट उत्तर नहीं मिल सकते।
