नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली कल शाम एक भीषण आतंकी हमले से दहल उठी। लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक कार में हुए जबरदस्त धमाके में कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई और 20 से 24 लोग घायल बताए जा रहे हैं। यह घटना तब हुई जब एक धीमी गति से चल रही कार ट्रैफिक सिग्नल पर रुकी।
इसके साथ ही, देश भर में एक बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश हुआ है, जिसके तार पढ़े-लिखे डॉक्टरों से जुड़ रहे हैं। फरीदाबाद से लगभग 3000 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है।
दिल्ली ब्लास्ट: 8 की मौत, कई वाहन खाक
कल शाम लगभग 6:52 से 7:00 बजे के बीच, लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहरी इलाके में ट्रैफिक सिग्नल पर एक i20 कार में भीषण विस्फोट हुआ। धमाका इतना जोरदार था कि आसपास के कई वाहन इसकी चपेट में आ गए।
- नुकसान: 6 कारें और 2 से 3 ऑटो/ई-रिक्शा जलकर खाक हो गए।
- हताहत: इस खबर के लिखे जाने तक 8 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 20-24 लोग घायल हैं।
- कार्रवाई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और स्थानीय पुलिस की फोरेंसिक टीमें मौके पर पहुंच गई हैं।
- जांच: हरियाणा नंबर की i20 कार के मालिक ‘सलमान’ को गिरफ्तार कर लिया गया है। सलमान ने दावा किया है कि उसने कार आगे बेच दी थी। जांच में कार के वर्तमान मालिक का कनेक्शन कश्मीर से जुड़ता दिख रहा है, जिसका नाम ‘तारिक’ बताया जा रहा है।
- अलर्ट: दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने घटना पर शोक व्यक्त किया है और गहन जांच के आदेश दिए हैं।

आतंक के ‘डॉक्टर’: फरीदाबाद से 3000 किलो विस्फोटक बरामद
दिल्ली धमाके से कुछ ही घंटे पहले, सुरक्षा एजेंसियों ने एक ऐसे आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस साजिश में डॉक्टर जैसे पढ़े-लिखे पेशेवर शामिल हैं।
- फरीदाबाद रैकेट: कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद, हरियाणा से 350 किलोग्राम से अधिक अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक और दो असॉल्ट राइफलें बरामद कीं। यह जखीरा एक डॉक्टर, मुजाहिल शकील के पास रखा गया था, जो मूल रूप से पुलवामा का है और फरीदाबाद के एक अस्पताल में काम करता था। कुल मिलाकर, लगभग 2900-3000 किलोग्राम आईईडी बनाने की सामग्री मिलने की बात सामने आई है।
- मुख्य साजिशकर्ता: इस रैकेट का खुलासा श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के पोस्टर चिपकाने के आरोप में गिरफ्तार डॉ. आदिल अहमद रदर से पूछताछ के बाद हुआ।
- बड़ा खतरा: यह विस्फोटक सामग्री जिस स्थान से बरामद हुई, वह प्रधानमंत्री आवास, राष्ट्रपति भवन और देश की संसद से मात्र 30-35 किलोमीटर की दूरी पर था।
गुजरात ATS ने नाकाम की केमिकल अटैक की साजिश
एक अन्य बड़ी कार्रवाई में, गुजरात एटीएस ने तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है, जो देश में एक बड़े ‘केमिकल टेरर अटैक’ की योजना बना रहे थे।
- आरोपी: गिरफ्तार आतंकियों में डॉ. अहमद मोईदुन सैयद (हैदराबाद), आजाद सुलेमान शेख (शामली, यूपी), और मोहम्मद सुहेल सलीम खान (लखीमपुर खीरी, यूपी) शामिल हैं।
- खतरनाक मंसूबे: इनका मुख्य सरगना डॉ. अहमद, जो चीन से एमबीबीएस पास है, ‘राइसिन’ (Ricin) जैसा घातक ज़हर बनाने की कोशिश कर रहा था।
- बरामदगी: इनके पास से कई पिस्टल, 30 जिंदा कारतूस और राइसिन बनाने में इस्तेमाल होने वाला लगभग 4 लीटर कैस्टर ऑयल मिला है।
- विदेशी कनेक्शन: ये आतंकी पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बैठे हैंडलर्स के संपर्क में थे, विशेष रूप से इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस (ISKP) के अबू खदीजा के साथ। इन्होंने दिल्ली, लखनऊ और अहमदाबाद के संवेदनशील इलाकों की रेकी भी की थी।
विश्लेषण: क्या है दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद रैकेट का कनेक्शन?
जांच एजेंसियां अब इन सभी घटनाओं के बीच के डॉट्स को जोड़ने की कोशिश कर रही हैं। एक थ्योरी जो सामने आ रही है, वह यह है:
- डॉ. मुजाहिल शकील: फरीदाबाद में 3000 किलो विस्फोटक सामग्री के साथ पकड़ा गया। वह मूल रूप से पुलवामा, कश्मीर का है।
- तारिक: दिल्ली ब्लास्ट वाली कार का मालिक। वह भी फरीदाबाद में रहता था और मूल रूप से पुलवामा, कश्मीर का ही है।
आशंका जताई जा रही है कि डॉ. मुजाहिल की गिरफ्तारी से ‘तारिक’ घबरा गया और पैनिक में आकर उसने जल्दबाजी में लाल किले के पास इस हमले को अंजाम दे दिया। हालांकि, यह अभी केवल एक थ्योरी है और जांच एजेंसियां ही असली सच सामने लाएंगी।
बड़ा सवाल: पढ़े-लिखे डॉक्टर क्यों बन रहे आतंकी?
यह घटनाएं एक गंभीर सवाल खड़ा करती हैं। डॉक्टरी, जिसे जान बचाने वाला पेशा माना जाता है, उसी पेशे के लोग जब जान लेने की साजिश रचते हैं, तो यह समाज के लिए एक बड़ा खतरा है। यह साबित करता है कि सिर्फ शिक्षा ही किसी को कट्टरपंथी होने से नहीं रोक सकती। अगर सोच में ज़हर भर दिया जाए, तो वही तेज दिमाग गलत दिशा में चलकर तबाही का कारण बन सकता है।
हमारी अपील: हम अपने सभी पाठकों से अपील करते हैं कि वे अफवाहों पर बिल्कुल भरोसा न करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। आधिकारिक जानकारी पर ही विश्वास करें।
