टूर्नामेंट की शुरुआत और विकास
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत 1998 में ‘नॉकआउट ट्रॉफी’ के रूप में हुई थी, जिसका उद्देश्य गैर-टेस्ट खेलने वाले देशों में क्रिकेट के विकास के लिए धन जुटाना था। पहला टूर्नामेंट बांग्लादेश के ढाका में आयोजित किया गया, जहां दक्षिण अफ्रीका ने वेस्टइंडीज को हराकर खिताब जीता। 2000 में केन्या के नैरोबी में दूसरा संस्करण आयोजित हुआ, जिसमें न्यूजीलैंड ने भारत को फाइनल में पराजित किया। 2002 से, इसका नाम ‘चैंपियंस ट्रॉफी’ रखा गया और यह एक राउंड-रॉबिन प्रारूप में आयोजित होने लगा। इस टूर्नामेंट को ‘मिनी वर्ल्ड कप’ भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें सभी पूर्ण सदस्य देशों की भागीदारी होती है।
प्रारूप और टीम चयन
शुरुआती संस्करणों में, सभी आईसीसी पूर्ण सदस्य देशों और कुछ एसोसिएट सदस्य देशों ने भाग लिया। हालांकि, 2009 से, टूर्नामेंट में केवल शीर्ष 8 रैंक वाली टीमें ही शामिल की जाती हैं, जो आईसीसी वनडे रैंकिंग के आधार पर चुनी जाती हैं। इससे टूर्नामेंट का आकार छोटा हुआ, जिससे यह अधिक प्रतिस्पर्धी और संक्षिप्त हो गया। इस चयन प्रक्रिया का उद्देश्य उच्च स्तरीय प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करना और टूर्नामेंट की गुणवत्ता को बनाए रखना है।
2025 संस्करण: पाकिस्तान में वापसी
2025 में, चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन पाकिस्तान में 19 फरवरी से 9 मार्च तक हो रहा है, जो देश के लिए लगभग 29 वर्षों में पहला प्रमुख आईसीसी टूर्नामेंट है। हालांकि, राजनीतिक तनाव के कारण, भारत अपने मैच पाकिस्तान में नहीं खेलेगा; इसके बजाय, भारतीय टीम के मैच दुबई में आयोजित किए जाएंगे। इस टूर्नामेंट में आठ टीमें भाग ले रही हैं, जो 2023 विश्व कप के समूह चरण में शीर्ष 8 में रही थीं।
अब तक के विजेता
अब तक, चैंपियंस ट्रॉफी के आठ संस्करणों में सात विभिन्न टीमों ने खिताब जीता है, जिसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया ने दो-दो बार ट्रॉफी अपने नाम की है। इस टूर्नामेंट का संक्षिप्त और प्रतिस्पर्धी प्रारूप इसे क्रिकेट प्रेमियों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय बनाता है।
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के साथ, पाकिस्तान एक बार फिर वैश्विक क्रिकेट मंच पर अपनी मेजबानी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त कर रहा है, जबकि प्रशंसक आगामी रोमांचक मुकाबलों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
