लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन करार देते हुए इसे राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा योगदानकर्ता बताया है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अकेले प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ-2025 से उत्तर प्रदेश की GDP में ₹3.25 से ₹3.50 लाख करोड़ की अतिरिक्त बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
महाकुंभ: आस्था और अर्थव्यवस्था का संगम
सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “महाकुंभ सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह हमारी अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाई पर ले जाने का माध्यम बन चुका है। अब तक संगम में 53 करोड़ से अधिक श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। हमारा अनुमान है कि महाकुंभ के अंत तक यह संख्या 60 करोड़ तक पहुंच जाएगी। इससे पर्यटन, परिवहन, होटल और अन्य क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधियां उत्पन्न हो रही हैं।”
आर्थिक दृष्टिकोण से महाकुंभ का महत्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक पर्यटन को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज समेत पूरे प्रदेश में भारी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। इससे सड़कों, रेलवे और बस सेवाओं में भीड़भाड़ बढ़ी है, जिससे अर्थव्यवस्था में तेजी आई है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “हमने महाकुंभ आयोजन में साढ़े सात हज़ार करोड़ रुपये का निवेश किया है। अगर इसके बदले प्रदेश की GDP में तीन से साढ़े तीन लाख करोड़ की बढ़ोतरी होती है, तो यह एक बड़ा आर्थिक लाभ है। यह आयोजन आस्था और विकास का बेहतरीन उदाहरण है।”
आस्था का सम्मान और विकास की इच्छाशक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा आस्था का सम्मान किया है और इसे विकास का जरिया बनाने की दिशा में कार्य किया है। उन्होंने अयोध्या में सड़क चौड़ीकरण और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर जैसे विकास कार्यों का भी जिक्र करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं को लेकर हमेशा विरोधी दलों ने सवाल उठाए, लेकिन सरकार की इच्छाशक्ति ने इन परियोजनाओं को सफल बनाया।
उन्होंने कहा, “हमने यह साबित किया है कि धार्मिक आयोजन न केवल सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ये राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा दे सकते हैं। महाकुंभ इसका जीवंत उदाहरण है।”
उद्योग और रोजगार को बढ़ावा
महाकुंभ जैसे आयोजनों से पर्यटन उद्योग में तेजी आती है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होते हैं। होटल व्यवसाय, परिवहन, खानपान और हस्तशिल्प जैसे उद्योगों को बड़ा लाभ मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ जैसे आयोजन से यूपी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है, जो निवेशकों को आकर्षित करने में मददगार साबित हो रहा है।
अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक आयोजन
महाकुंभ के आर्थिक प्रभाव पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “दुनिया का यह सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन न केवल भारत की संस्कृति को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह प्रदेश के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित हो रहा है। प्रयागराज से लेकर आसपास के क्षेत्रों में इस आयोजन ने आर्थिक गतिविधियों को एक नई दिशा दी है।”
सारांश
महाकुंभ-2025 के आयोजन से उत्तर प्रदेश को न केवल आध्यात्मिक बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी ऐतिहासिक लाभ होने का दावा किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे प्रदेश की GDP में ऐतिहासिक योगदान देने वाला आयोजन बताते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन आस्था और आर्थिक समृद्धि के अद्वितीय संगम हैं।