US Deportation: अमेरिका से लाए गए निर्वासितों के दूसरे जत्थे में 117 लोग थे, जिनमें पंजाब से 65, हरियाणा से 33, गुजरात से आठ, उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र व राजस्थान से दो-दो लोग शामिल थे।

15 फरवरी, 2025 को अमेरिका से भारत भेजे गए निर्वासितों में दलजीत सिंह ने अपनी यात्रा का दर्दनाक अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान उन्हें लगातार हथकड़ियों में जकड़ा गया और पैरों में जंजीरें डाली गईं। सिंह ने कहा, ‘‘पूरी यात्रा के दौरान हमें हथकड़ियां पहनाई गई थीं, लेकिन विमान के अमृतसर पहुंचने से पहले हमारे हाथों से हथकड़ियां हटा दी गई थीं।’’
सिंह, जो पंजाब के होशियारपुर जिले के कुराला कलां गांव के निवासी हैं, उन 116 अवैध भारतीय प्रवासियों में शामिल थे, जिन्हें शनिवार रात अमेरिका के विमान से अमृतसर हवाई अड्डे लाया गया।
अवैध प्रवासियों का ‘डंकी’ मार्ग से अमेरिका जाना
दलजीत सिंह ने बताया कि वे ‘डंकी’ मार्ग से अमेरिका गए थे, जो अवैध और जोखिम भरा रास्ता है, जिसका उपयोग कई प्रवासी अमेरिकी सीमा में प्रवेश के लिए करते हैं। उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान वे 65 लाख रुपये खर्च कर चुके थे, जो उन्हें एक ट्रैवल एजेंट ने लीगल तरीके से अमेरिका भेजने का वादा करके लिया था।
सिंह ने बताया कि यात्रा की शुरुआत 2022 में हुई, जब उन्हें पहले दुबई भेजा गया, और बाद में 2023 में उन्हें ब्राजील भेजा गया। ब्राजील और अन्य देशों में कठिन इलाकों से होते हुए वे अमेरिका पहुंचे, जहां उन्होंने नदियों, पहाड़ों और खतरनाक रास्तों को पार किया।
ट्रैवल एजेंट का धोखाधड़ी का आरोप
दलजीत ने कहा कि यात्रा के दौरान उन्हें भोजन की किल्लत का सामना करना पड़ा और कई बार केवल चावल खाकर ही गुजारा किया। उनके समूह में लगभग 100 लोग थे, जिनमें आठ भारतीय शामिल थे। उन्होंने यह भी बताया कि ट्रैवल एजेंट और एक गांव के व्यक्ति ने उन पर दबाव डालकर उनकी भूमि का स्वामित्व हस्तांतरित करवा लिया।
अमेरिका में हिरासत केंद्र में कड़ी हालत
दलजीत सिंह ने अमेरिका में हिरासत केंद्र में बिताए गए अपने अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया कि उन्हें बहुत कम खाना दिया जाता था, जिसमें केवल एक बोतल पानी, एक पैकेट चिप्स और एक सेब शामिल था। उन्हें कमरे से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी और उन्हें लगातार बुरे व्यवहार का सामना करना पड़ा।
भारत लौटने के बाद न्याय की मांग
भारत लौटने के बाद दलजीत ने सरकार से अपने जमीन को वापस दिलाने की अपील की और ट्रैवल एजेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि ट्रैवल एजेंट ने उन्हें धोखा दिया और अब उनका सपना टूट चुका है।
