झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड: 10 नवजात शिशुओं की मौत, 37 बच्चों का रेस्क्यू
झांसी, उत्तर प्रदेश, शुक्रवार देर रात: झांसी मेडिकल कॉलेज के बच्चा वार्ड में शुक्रवार रात हुई भयावह आगजनी में 10 नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे में बच्चे झुलसने और दम घुटने का शिकार हुए। राहत कार्यों के दौरान खिड़की तोड़कर 37 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी, जिसने तेजी से पूरे वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया। आग बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि कुछ ही मिनटों में वार्ड जलकर खाक हो गया। मौके पर पहुंची दमकल विभाग की कई गाड़ियों ने राहत और बचाव कार्य किया।
हादसे की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि:
- आग के कारण 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई।
- खिड़की तोड़कर 37 बच्चों को बचाया गया।
- सेफ्टी अलार्म घटना के समय काम नहीं कर रहा था।
परिजनों का दर्द और आरोप
इस हादसे ने बच्चों के परिजनों को झकझोर दिया है। कई माता-पिता ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। एक माता-पिता ने कहा, “हमारे बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया, लेकिन हमें यह नहीं बताया गया कि किस आधार पर।”
परिजनों ने यह भी बताया कि घटना के समय नर्स और अस्पताल स्टाफ अंदर जाने से रोक रहे थे। एक पिता ने कहा, “हम खिड़की तोड़कर जबरदस्ती अंदर गए। बच्चों को निकालने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और 12 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी है। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, स्वास्थ्य सचिव, और डीआईजी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी रात में ही घटनास्थल पर पहुंच गए।
जांच और सुधार के आदेश
डीआईजी और कमिश्नर को मामले की जांच सौंपी गई है। घटना की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि अस्पताल में सेफ्टी उपकरण ठीक से काम नहीं कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
दुखद अंत
यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि उन परिवारों के लिए जीवनभर का दर्द बन गई है, जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खो दिया। यह हादसा अस्पतालों में सुरक्षा मानकों की सख्त आवश्यकता की ओर भी इशारा करता है।
हरवकट न्यूज़