छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार की हत्या: भ्रष्टाचार के खिलाफ रिपोर्टिंग बनी मौत की वजह
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नए साल के पहले ही दिन पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या का मामला सामने आया है। उनकी गलती बस इतनी थी कि उन्होंने 120 करोड़ की लागत से बनी घटिया सड़क और उसमें हुए भ्रष्टाचार को उजागर किया। अपनी रिपोर्ट में उन्होंने बताया था कि गंगाल और हिरोली के बीच बन रही सड़क में कई गड्ढे हैं। इससे संबंधित ठेकेदार सुरेश चंद्राकर पर सरकारी विभागों ने जांच बैठा दी थी, जिससे वह बौखला गया और कथित तौर पर मुकेश की हत्या कर दी।
कैसे हुआ पत्रकार मुकेश चंद्राकर का खुलासा?
मुकेश चंद्राकर, जो बस्तर के खतरनाक जंगलों में बेखौफ रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते थे, अचानक 1 जनवरी की शाम को लापता हो गए। 5 जनवरी को पुलिस को उनका शव चट्टान पारा बस्ती में एक सेफ्टिक टैंक से मिला। पुलिस ने खुलासा किया कि शव को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के मजदूरों के लिए बनाए गए घर के सेफ्टिक टैंक में डालने के बाद उसे सीमेंट से ढक दिया गया था।
पुलिस के अनुसार, टैंक का कंक्रीट हाल ही में डाला गया था। शव पर धारदार हथियार और अन्य चोटों के निशान पाए गए। पुलिस ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, उसके भाई रितेश और अन्य दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
कौन थे मुकेश चंद्राकर?
मुकेश चंद्राकर बीजापुर में एक नेशनल न्यूज़ चैनल से जुड़े पत्रकार थे। वह नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में निष्पक्ष और साहसिक पत्रकारिता के लिए प्रसिद्ध थे। 2021 में उन्होंने माओवादियों द्वारा बंधक बनाए गए सीआरपीएफ जवानों की रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
हत्या से पहले क्या हुआ?
हत्या से कुछ दिन पहले मुकेश ने 120 करोड़ की लागत से बन रही सड़क में भ्रष्टाचार की रिपोर्टिंग की थी। इस रिपोर्ट के बाद जगदलपुर लोक निर्माण विभाग ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर पर कार्रवाई शुरू की थी। कलेक्टर ने ठेकेदार को सड़क दोबारा बनाने का आदेश दिया, जिससे वह नाराज था।
ठेकेदार ने अपने छोटे भाई रितेश चंद्राकर को मुकेश से मिलने भेजा। नए साल के मौके पर रितेश किसी तरह मुकेश को सुरेश चंद्राकर से मिलाने में कामयाब हुआ। इसके बाद से मुकेश लापता हो गए।
परिवार और पुलिस का बयान
मुकेश के भाई यूकेश चंद्राकर ने बताया कि 1 जनवरी की शाम को वह आखिरी बार मुकेश से मिले थे। जब 2 जनवरी को उनसे संपर्क नहीं हो पाया, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू की और चार आरोपियों को गिरफ्तार किया।
बीजापुर के एसपी जितेंद्र यादव ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है, और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
पत्रकारिता जगत में शोक की लहर
मुकेश चंद्राकर की हत्या ने पूरे पत्रकारिता जगत को झकझोर कर रख दिया है। उनकी साहसिक पत्रकारिता और निडरता को हमेशा याद किया जाएगा। यह घटना सवाल उठाती है कि क्या भ्रष्टाचार और सच्चाई की आवाज उठाना किसी की जान के लिए खतरा बन सकता है?
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(Harvkat News से नितीश कुमार)
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