क्या आप जानते हैं कि भारत का नेशनल रेप्टाइल किंग कोब्रा अब उत्तराखंड के नैनीताल जिलेले में बड़ी संख्या में देखा जा रहा है यह सांप जिसे दुनिया का सबसे लंबा विषैला सांप माना जाता है आमतौर पर रेन फॉरेस्ट क्षेत्रों जैसे पूर्वी और पश्चिमी घाट उत्तर पूर्वी राज्य सुंदरबन और अंडमान के कुछ हिस्सों में पाया जाता है.
लेकिन पिछले कुछ सालों में नैनीताल में इसकी मौजूदगी तेजी से बढ़ी है उत्तराखंड के वन विभाग की रिसर्च विंग ने एक रिपोर्ट तैयार की है जिसमें नैनीताल जिले को किंग कोबरा का गढ़ बताया गया है इस रिपोर्ट के अनुसार नैनीताल में किंग कोब्रा की संख्या रेन फॉरेस्ट वाले परंपरागत हैबिटेट के बाहर सबसे अधिक है 2006 में पहली बार नैनीताल की भवाली फॉरेस्ट रेंज में किंग कोबरा देखा गया था और 2012 में मुक्तेश्वर में 2303 मीटर की ऊंचाई पर इसका घोंसला मिला था जो दुनिया भर में एक रिकॉर्ड है.
रिसर्च फेलो ज्योति प्रकाश के अनुसार देहरादून और हरिद्वार जैसे बड़े जिलों में किंग कोब्रा की रिकॉर्डेड साइड को जोड़ भी दें तो भी नैनीताल में इनसे ढाई गुना अधिक पार्किंग कोबरा देखा गया है उत्तर उत्तराखंड के पांच जिलों में किंग कोबरा के होने के प्रमाण मिले हैं 2015 से जुलाई 2020 के बीच राज्य में कुल 132 बार किंग कोबरा देखा गया जिसमें से 83 बार नैनीताल में 32 बार देहरादून में 12 बार पौड़ी में तीन बार उत्तर काशी में और दो बार हरिद्वार में इसकी साइटिंग रिकॉर्ड हुई है.
वन विभाग के शोधकर्ता इस बात से हैरान है कि आखिर नैनीताल जिले में ही किंग कोब्रा की मौजूदगी इतनी अधिक क्यों है खास तौर से तब जब किंग कोबरा एक कोल्ड ब्लडेड प्राणी है जिसे वातावरण के बदलते तापमान न के साथ तालमेल बिठाना मुश्किल होता है. नैनीताल के बढ़ते तापमान को किंग कोबरा की बढ़ती मौजूदगी का मुख्य कारण माना जा रहा है. स्नेक कैचर निश दानू के अनुसार किंग कोबरा ठंडे खून वाला सांप है जिसे गर्मी की जरूरत होती है पहाड़ों में मिलने वाले पिर और बांझ के पत्तों से निकलने वाली गर्मी किंग कोबरा के लिए अनुकूल है. नैनीताल और इसके आसपास के बांज के जंगलों में किंग कोबरा के घोंसले कई बार मिले हैं.
दानू ने बताया कि अब तक उन्होंने नैनीताल में 18 फीट लंबा किंग कोब्रा रेस्क्यू किया है.(आज की डेट में ल का भी टेंपरेचर क्या है इतना हीट वाला हो गया है इतनी गर्मी हो गई है और क्या कहते हैं किंग कोपरा को चाहिए गर्मी और क्या कहते हैं यह पिरोल हो गया पिल से भी हीट निकलती है बाज के पत्ते हो ग हो गया तो उससे भी हीट निकलती है तो क्या कहते हैं यह नेस्ट बनाते हैं हमें जो नेस्ट मिले वो पिल और बाच के ही मिले हैं किंग कोबरा इसलिए यहां पर आ रहा है और किंग कोबरा के जो बच्चे होते हैं वो रिलीज हम लोग उससे नेस्ट के ज्यादा पास नहीं कर सकते दूर थोड़ा छोड़ते हैं तो वो उसी के पास आ जाते हैं)
किंग कोबरा भारत में वन्यजीव कानून के तहत संरक्षित प्राणियों में से एक है और इसकी कई खासियत हैं जो इसे अन्य सर्पों से अलग करती हैं यह दुनिया का सबसे बड़ा विषैला सांप है जिसकी लंबाई 18 फुट तक हो सकती है यह एकमात्र सर्प है जिसमें मादा अंडे देने के लिए घोंसला बनाती है और बच्चों के निकलने तक उनकी सुरक्षा करती है अंडों से बच्चे निकलने में 80 से 100 दिन लगते हैं और इस दौरान मादा किंग कोबरा तकरीबन दो मही महीने तक भूखी रहती है अंडों से बच्चे निकलने से ठीक पहले मादा किंग कोबरा हमेशा वह जगह छोड़कर चली जाती है.