महाकुंभ 2025: आस्था का सैलाब संगम नगरी में उमड़ा
प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ जारी है। 26 फरवरी तक चलने वाले इस महाकुंभ में श्रद्धा और आस्था का ऐसा अद्वितीय संगम हो रहा है, जिसने पूरे देश और विदेश के श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित किया है। त्रिवेणी के तट पर बने 12 किलोमीटर लंबे घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है।
देश के कोने-कोने से आए भक्त संगम में डुबकी लगाकर धर्म और अध्यात्म की अनुभूति कर रहे हैं। रविवार को छुट्टी होने के कारण लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र जल में स्नान किया। प्रशासन के अनुमान के मुताबिक, इस बार 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के कुंभ में शामिल होने की संभावना है।
अब तक 7.6 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके
13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक दो स्नान पर्व – पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति संपन्न हो चुके हैं। इन स्नान पर्वों में 7.6 करोड़ श्रद्धालु पवित्र जल में डुबकी लगा चुके हैं। मौनी अमावस्या, जो 29 जनवरी को है, महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान पर्व माना जा रहा है। इसे लेकर प्रशासन विशेष तैयारियों में जुटा हुआ है।
आधुनिक सुरक्षा इंतजाम और प्रशासनिक तैयारियां
महाकुंभ में सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। घाटों पर जल पुलिस तैनात है, अंडरवाटर ड्रोन और अन्य सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल हो रहा है। नाविकों को विशेष निर्देश दिए गए हैं और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए लाइव जैकेट्स उपलब्ध कराई जा रही हैं।
दिव्य और भव्य आयोजन
इस बार महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। संगम पर श्रद्धालुओं के ठहरने, खाने और अन्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। नाव पर सवारी करने वाले श्रद्धालुओं के लिए नाविकों की सेवाओं का किराया तय किया गया है।
विदेशी श्रद्धालु और साधु-संतों की कहानियां
महाकुंभ की महिमा सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। इटली, नीदरलैंड और अन्य देशों से आए श्रद्धालु भी सनातन परंपरा और अध्यात्म से जुड़ने पर गर्व महसूस कर रहे हैं। महाकुंभ में ऐसे साधु-संत भी शामिल हैं, जिन्होंने सफलता के शिखर पर पहुंचकर सनातन धर्म की राह पकड़ी।
महाकुंभ में शामिल श्रद्धालु इसे अपने जीवन का सबसे बड़ा अनुभव मान रहे हैं। “हर-हर गंगे” और “हर-हर महादेव” के जयघोष के बीच संगम नगरी में भक्तों का उत्साह चरम पर है। यह आयोजन सनातन परंपरा और भारतीय संस्कृति की समृद्धता का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।
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(ब्यूरो रिपोर्ट: Harvkat News)