महाराष्ट्र में सियासी उथल-पुथल: महायुति की बैठक और मुख्यमंत्री पद को लेकर संशय
महाराष्ट्र में सियासी सरगर्मियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। महायुति ने बंपर जीत के साथ सरकार गठन की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं, लेकिन अब तक राज्य को नया मुख्यमंत्री नहीं मिल पाया है। सीएम पद और मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं।
मुंबई में महायुति की हाल ही में होने वाली बैठक टलने के बाद से राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है। इस बीच, खबरें आईं कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने गांव चले गए। इससे सियासी अटकलों का दौर तेज हो गया है। अब रविवार को महायुति की बैठक होने की संभावना जताई जा रही है, जहां मुख्यमंत्री पद को लेकर निर्णय लिया जा सकता है।
विपक्ष के हमले और आदित्य ठाकरे का बयान
इस राजनीतिक असमंजस के बीच विपक्षी नेता भी महायुति पर हमलावर हैं। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने शिंदे के गांव जाने पर तंज कसा। मीडिया से बातचीत में आदित्य ने मजाकिया लहजे में पूछा, “क्या आप चांद देख सकते हैं?” उनके इस बयान से राजनीतिक गलियारों में नई बहस छिड़ गई है।
आदित्य ठाकरे ने आगे कहा कि महायुति के सरकार गठन की प्रक्रिया में देरी के पीछे गंभीर प्रशासनिक खामियां हैं। उन्होंने कहा, “हमने अपना काम पूरा कर दिया है, लेकिन गवर्नर के ऑफिस से कोई स्पष्टता नहीं आ रही है।”
एकनाथ शिंदे की नाराजगी की अटकलें
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मंत्रिमंडल में अपेक्षित विभाग नहीं मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं। इस बीच, शिंदे गुट के विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि शिंदे अपने गांव डरे (सातारा) में ग्रामीणों से चर्चा कर रहे हैं और राजनीतिक तनाव से बाहर आने की कोशिश कर रहे हैं।
संजय शिरसाट ने संकेत दिया कि शिंदे शनिवार तक कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ सामने नहीं आया है। उन्होंने यह भी बताया कि गांव में मोबाइल नेटवर्क की समस्या के कारण शिंदे शांति से सोचने का समय ले रहे हैं।
रविवार की बैठक पर निगाहें
अब सबकी निगाहें रविवार को प्रस्तावित महायुति की बैठक पर टिकी हैं। इस बैठक में मुख्यमंत्री पद के नाम पर मुहर लगने की उम्मीद है। देखना यह होगा कि क्या महायुति सभी दलों के बीच संतुलन बना पाती है या सियासी असमंजस और गहराता है।
(ब्यूरो रिपोर्ट, हरवकट न्यूज)