10 दिनों में अभया के दरिंदों को फांसी का फंदा: पश्चिम बंगाल सरकार की सख्त कार्रवाई
9 अगस्त की सुबह कोलकाता के आरजी का मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब अभया नामक एक जूनियर डॉक्टर की लाश अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिली। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। अभया के पैर चीरे गए थे, उसकी आंखों से खून बह रहा था, और उसके प्राइवेट पार्ट्स भी लथपथ थे। इस बर्बरता ने पूरे देश में आक्रोश फैला दिया और हर किसी के मन में यह सवाल उठने लगा कि आखिर आरजी का अस्पताल में ऐसी घटना कैसे हुई, जहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए थे?
घटना के बाद प्रशासन की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठे। अभया के माता-पिता को तीन घंटे तक इंतजार करवाया गया, और फिर अचानक से उसका अंतिम संस्कार क्यों कराया गया, यह भी एक रहस्य बना हुआ है। घटना के बाद, जिस कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष के नेतृत्व में यह त्रासदी हुई, उसे पहले निलंबित किया गया और फिर जल्दी से किसी अन्य कॉलेज में नियुक्ति भी दे दी गई। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त फटकार लगाई, जिसके बाद संदीप घोष को निलंबित किया गया।
14 अगस्त को, जब 15 अगस्त की तैयारी जोरों पर थी, प्रदर्शनकारियों की भीड़ में कुछ गुंडों ने उस स्थान पर हमला कर दिया, जहां अभया की चीखें गूंजती रहीं। इस पूरे मामले में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर लगातार सवाल उठे। लोगों का आरोप था कि प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया और सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई थी।
इस मामले ने राजनीतिक मोड़ भी लिया, जब संदीप घोष का नाम टीएमसी से जोड़ा जाने लगा। लोग आरोप लगाने लगे कि घोष को बचाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, अब पूरे मामले की सीबीआई जांच कर रही है और संदीप घोष को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस बीच, ममता बनर्जी सरकार ने महिला एवं बाल सुरक्षा के तहत एक बड़ा कदम उठाते हुए ‘एंटी रेप बिल’ पेश करने का निर्णय लिया है। 28 अगस्त को पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने बलात्कार के मामलों को रोकने और ऐसे अपराधों के लिए सख्त सजा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस विधेयक को मंजूरी दी। इस विधेयक को ‘अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024’ के नाम से जाना जाएगा, और इसे 3 सितंबर को विधानसभा में पेश किया जाएगा। खास बात यह है कि इस विधेयक को बीजेपी का भी समर्थन मिला है।
इस घटना पर सीबीआई की जांच चल रही है, और संदीप घोष को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, इस मामले में संदीप घोष के खिलाफ एक ऑडियो क्लिप भी वायरल हुआ है, जिसमें उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ऑडियो क्लिप में कहा गया है कि संदीप घोष ने अस्पताल में गंदे काम करवाए, इंटर्न्स के साथ बदसलूकी की, और पैसे लेकर छात्रों को पास किया।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ममता सरकार के इस कड़े कदम के बाद लोगों का रुख क्या बदलता है। फिलहाल, इस मामले पर आपकी क्या राय है, हमें कमेंट करके जरूर बताएं।