भारत में मंकी पॉक्स के बढ़ते खतरे के बीच केंद्र सरकार ने की उच्चस्तरीय तैयारी
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मंकी पॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किए जाने के बाद भारत सरकार ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के साथ बैठकें कर स्थिति का आकलन किया और आवश्यक तैयारियों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
हाल ही में मंकी पॉक्स के मामले मध्य और पूर्वी अफ्रीका में तेजी से बढ़ रहे हैं, और अफ्रीका से बाहर पहला मामला दर्ज किया गया है। इसके मद्देनजर, भारत के सभी एयरपोर्ट्स पर निगरानी बढ़ा दी गई है और अस्पतालों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली में सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंगटन अस्पतालों को मंकी पॉक्स के संभावित मामलों के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सलाहकार पीके मिश्रा ने उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि देश में फिलहाल मंकी पॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन निगरानी और प्रभावी उपायों को तेज किया जा रहा है। उन्होंने परीक्षण प्रयोगशालाओं के नेटवर्क को शीघ्र निदान के लिए तैयार करने का निर्देश दिया है।
मंकी पॉक्स संक्रमित जानवरों जैसे बंदर, चूहे, और गिलहरी से फैल सकता है। इसके अलावा, संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध रखने वाले लोग भी जोखिम में होते हैं। पिछले साल कांगो और अफ्रीका के 12 देशों में इस बीमारी के मामलों में वृद्धि देखी गई है, और स्वीडन, पाकिस्तान जैसे देशों में भी इसके मामले सामने आए हैं।
इस परिस्थिति को देखते हुए, भारत में स्वास्थ्य दलों द्वारा निगरानी बढ़ा दी गई है और राज्यों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। नागरिकों से अपील की जाती है कि वे मंकी पॉक्स के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और सतर्क रहें।