प्रयागराज महाकुंभ के दौरान जहां एक ओर यात्रियों को ट्रेनों में भीड़ की समस्या से जूझना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर मिर्जापुर में एक अनोखा मामला सामने आया, जिससे यात्रियों का गुस्सा रेलवे अधिकारियों पर फूट पड़ा।
बीच रास्ते में रुक गई ट्रेन, यात्रियों ने किया हंगामा
दरअसल, प्रयागराज से वाराणसी जा रही कुंभ मेला स्पेशल ट्रेन अचानक रास्ते में रोक दी गई। ट्रेन के लोको पायलट ने थकान का हवाला देते हुए ट्रेन चलाने से इनकार कर दिया और स्टेशन पर ट्रेन खड़ी कर चले गए। यह घटना मिर्जापुर जिले के निगतपुर स्टेशन पर घटी, जहां ट्रेन लगभग तीन घंटे तक खड़ी रही। इस दौरान यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और उन्होंने स्टेशन पर जमकर हंगामा किया।
16 घंटे की ड्यूटी के बाद पायलट ने ट्रेन चलाने से किया इनकार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लोको पायलट नथु लाल 31 जनवरी को तीर्थ यात्रियों से भरी ट्रेन लेकर प्रयागराज रामबाग स्टेशन से रवाना हुए थे। दोपहर 1:01 बजे जब ट्रेन निगतपुर स्टेशन पहुंची, तब उन्होंने स्टेशन मास्टर को मेमो देकर ट्रेन रोक दी। पायलट ने बताया कि वह लगातार 16 घंटे से अधिक समय से ड्यूटी पर थे, जिससे उन्हें थकावट महसूस हो रही थी और ट्रेन चलाने में असमर्थता जताई। उन्होंने रेलवे कंट्रोल रूम से दूसरे चालक की व्यवस्था करने का अनुरोध किया।
एडीजी ने किया हस्तक्षेप, तीन घंटे बाद चली ट्रेन
श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए एडीजी वाराणसी जोन पीयूष मोडिया ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और एसपी मिर्जापुर को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। एसपी मिर्जापुर ने रेलवे अधिकारियों से संपर्क किया और दूसरे चालक की व्यवस्था कराई। आखिरकार, करीब तीन घंटे बाद शाम 4:00 बजे ट्रेन वाराणसी के लिए रवाना हुई।
यात्रियों ने सोशल मीडिया पर जताया आभार
ट्रेन के फिर से चलने के बाद, यात्रियों ने सोशल मीडिया पर एडीजी पीयूष मोडिया का धन्यवाद किया। हालांकि, इस घटना ने रेलवे की कार्य प्रणाली और लोको पायलटों की लंबी ड्यूटी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्रियों का कहना है कि रेलवे को ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी न हो।
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