बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी: ‘शेर बेटे हो, डरना नहीं…’ और एक खुली चुनौती!
2022 पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, अकाली दल के कद्दावर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी ने प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया था. ड्रग्स से जुड़े एक मामले में नाम आने के बाद जब पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची, तो मजीठिया ने जो दृढ़ता दिखाई, वह आज भी चर्चा का विषय है. यह गिरफ्तारी सिर्फ एक कानूनी कार्रवाई नहीं थी, बल्कि इसमें कई ऐसे पहलू थे जिन्होंने इसे एक असाधारण घटना बना दिया.
गिरफ्तारी के वक्त मजीठिया के शब्दों ने हर किसी का ध्यान खींचा. अपने बेटों को सीने से लगाते हुए उन्होंने कहा, “शेर बेटे हो, डरना बिल्कुल नहीं… बापू जा रहा है!” ये शब्द सिर्फ भावनात्मक नहीं थे, बल्कि उनमें एक पिता की अपने बच्चों को दी गई हिम्मत और एक नेता का अपने विरोधियों को दिया गया संदेश भी निहित था. इसके बाद बिना पीछे मुड़े वह गाड़ी में बैठ गए और पुलिस उन्हें लेकर रवाना हो गई.
इस गिरफ्तारी की दो बातें बेहद खास थीं:
सबसे पहली बात, बिक्रम मजीठिया बिल्कुल डरे हुए नहीं लगे. आमतौर पर ऐसी परिस्थितियों में लोग सहमे हुए या चिंतित दिखते हैं, लेकिन मजीठिया के चेहरे पर किसी तरह का डर या घबराहट नहीं थी. उनका आत्मविश्वास और शांत व्यवहार यह दिखाता था कि वे इस स्थिति के लिए मानसिक रूप से तैयार थे. यह उनकी राजनीतिक परिपक्वता और दबाव में भी धैर्य बनाए रखने की क्षमता का परिचायक था.
दूसरी खास बात, मजीठिया ने गिरफ्तारी के वक्त खुली चुनौती दी. उन्होंने बेझिझक कहा, “चीखें तेरी भी निकलवाऊँगा.” यह बयान सीधे तौर पर सत्ता में बैठे विरोधियों को चुनौती थी. मजीठिया का यह कहना साफ इशारा था कि वे इस गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित मानते हैं और समय आने पर पलटवार करने से नहीं चूकेंगे. यह दर्शाता है कि जिस दिन राजनीतिक परिस्थितियाँ बदलेंगी, वे निश्चित रूप से कानूनी और राजनीतिक रूप से एक्शन लेंगे.
बिक्रम मजीठिया की यह गिरफ्तारी पंजाब की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी. इसने न केवल अकाली दल को प्रभावित किया, बल्कि प्रदेश के राजनीतिक समीकरणों पर भी गहरा असर डाला. मजीठिया ने अपनी गिरफ्तारी को जिस तरह से संभाला, वह एक कद्दावर नेता की छवि को और मजबूत करता है, जो मुश्किल वक्त में भी अपने सिद्धांतों पर अडिग रहता है और अपने विरोधियों को खुली चुनौती देने से नहीं डरता. यह घटना राजनीतिक प्रतिशोध और भविष्य में संभावित पलटवार की एक स्पष्ट चेतावनी थी.