रतन टाटा को खाने में क्या पसंद था
रतन टाटा: एक जिंदादिल इंसान और खाने के शौकीन
रतन टाटा, भारतीय उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष, सिर्फ अपने व्यापारिक कौशल के लिए ही नहीं, बल्कि अपने जिंदादिल व्यक्तित्व और खाने-पीने के शौक के लिए भी जाने जाते थे। उनका जीवन न केवल काम के प्रति समर्पित था, बल्कि उन्हें खाने और घूमने-फिरने का भी गहरा शौक था।
रतन टाटा का जन्म एक पारसी परिवार में हुआ था, लेकिन उनका दिल भारतीय व्यंजनों के लिए हमेशा खुला रहा। वे उत्तर से दक्षिण तक के विभिन्न खाने के शौकीन थे। विशेष रूप से, उन्हें अपनी बहन के हाथ का बना पारसी खाना बहुत पसंद था, जिसमें धोपस, पातरा और साली बोटी शामिल थीं। यह सच है कि बचपन में जो स्वाद हमें भाते हैं, वे जीवनभर हमारे साथ रहते हैं, और रतन टाटा के साथ भी ऐसा ही था।
खाने की दुनिया में, रतन टाटा को उनके शेफ परवेज द्वारा बनाई गई पारसी डिशेज, जैसे खट्टी मीठी मसूर दाल, मटन पुलाव, और बेस कस्टर्ड भी पसंद थीं। इसके अलावा, उनका कॉफी के प्रति भी विशेष प्रेम था; ब्लैक कॉफी उनके दिल के करीब थी।
दक्षिण भारतीय व्यंजनों में इडली, सांभर, डोसा और उत्तपम उनके फेवरेट थे। रतन टाटा सेहत के प्रति भी जागरूक थे और हल्की-फुल्की, आसानी से पचने वाली चीजें खाने में शामिल करते थे। उन्हें खिचड़ी का स्वाद भी बहुत पसंद था, साथ ही जापानी डिश सुशी भी उनकी पसंदीदा थी।
मुंबई की पाव भाजी भी रतन टाटा के दिल के करीब थी। कई मौकों पर उन्हें मुंबई की पाव भाजी का आनंद लेते हुए देखा गया। इसके अलावा, घर का बना मटन पुलाव और नाश्ते में पोहा और उपमा भी उनके पसंदीदा थे।
रतन टाटा का जीवन हमें यह सिखाता है कि काम के साथ-साथ जीवन का आनंद लेना भी जरूरी है। उनका खाना-पीना केवल भोजन नहीं था, बल्कि यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जो उन्हें और भी जिंदादिल बनाता था।