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शिक्षा विभाग ने सख्त निर्देश जारी किया है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कहा कि नियमित के साथ-साथ संविदा कर्मियों का वेतन या मानदेय का भुगतन हर हाल में संगत माह के पहले आठ कार्यालय दिवस के अंदर कर दें। अपर सचिव सह निदेशक संजय कुमार की ओर से लिखी गई चिट्ठी में सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि विभाग में कार्यरत कर्मियों से शिकायत मिल रही हैं कि उनका वेतन कई महीनों तक लंबित रखा जा रहा है। आवंटन की अनुलब्धता के अतिरिक्त अगर किन्हीं अन्य कारणों से किसी भी कर्मी का वेतन लंबित रखा जाता है तो जितनी राशि का भुगतान लंबित है, उस पर सूद की देयता समेत पूरी जवाबदेही संबित पदाधिकारी या आउटसोर्सिंग एजेंसी की रहेगी। दोषी पाए जाने पर उपर विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।
अपर सचिव सह निदेशक संजय कुमार, शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों के आवेदनों को लेकर भी गाइडलाइन जारी की गई है। उन्होंने कहा कि कोई भी शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मी सीधे-सीधे जिला शिक्षा पदाधिकारी या जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के कार्यालय में अपने आवेदन को लेकर नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्राय: ऐसा देखा गया है कि मातृत्व अवकाश, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, बकाया वेतन, भुगतान और सेवांत लाभ जैसे मामलों के आवेदन को लंबे समय तक कई कारणों से लटकाया जाता है। ऐसा बिल्कुल न करें। ऐसा करने पर दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।